UP: महाकुंभ में सैलाब, लॉकडाउन के बाद पहली बार यहां 30,000 पार्सल डाकघर में फंसे; होनी थी डिलीवरी

post-office

UP: महाकुंभ में श्रद्धालुओं के जन सैलाब से ठप हुई वाहनों की आवाजाही के कारण प्रधान डाकघर में जमा हुए छह हजार बैंग (करीब 30 हजार पार्सल) गंतव्य स्थल नहीं पहुंच पाए। इन पार्सलों को देश-दुनिया में भेजा जाना है। इसमें से ज्यादातर रजिस्ट्री समेत अन्य सामान के पार्सल हैं।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कुवैत, ओमान समेत देश के कई राज्यों में भेजे जाने वाले पार्सल प्रधान डाकघर में ही रखे हैं। अफसरों का दावा है कि हफ्ते भर में सारे पार्सलों को भेज दिया जाएगा। बताया कि लॉकडाउन के बाद पहली बार इतने ज्यादा पार्सल फंसे हैं। 

इसके लिए 15 कर्मचारी तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं। महाशिवरात्रि पर अवकाश के दिन भी डाक कर्मी काम करते रहे। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ के आयोजन के दौरान ध्वस्त हुई यातायात व्यवस्था और वाहनों के आवागमन पर लगाई गई पाबंदी की वजह से प्रधान डाकघर में पार्सलों का ढेर लग गया। 

12 फरवरी माघी पूर्णिमा स्नान के बाद से स्थिति और खराब हो गई। जिस वजह से करीब 30 हजार पार्सल डंप हो गए। अफसरों ने बताया कि प्रधान डाकघर में लॉकडाउन के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में पार्सलों का ढेर जमा हुआ है। 

UP: पार्सल को भेजने के लिए तीन शिफ्टों में काम

पार्सल का अंबार लगने से अधिकारियों में सिरदर्द बना हुआ है। ऐसे में 15 कर्मचारियों की तीन शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है। इनका काम सिर्फ लंबित पार्सल को भेजने का है। बताया गया कि पिछले 15 दिनों से डाकघर में यही हाल है। कर्मचारी पार्सल को भेजने में लगे हुए हैं। ताकि डाकघर से पार्सल का बोझ कम हो सके।

UP: डाकघर में ट्रेनों के पार्सल का भी ढेर 

रेलवे की ओर ट्रेनों से पार्सल भेजने की व्यवस्था है। लेकिन, यह व्यवस्था भी महाकुंभ में धड़ाम हो गई। पार्सल कोच में श्रद्धालु के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा। इस कारण ट्रेनों से भेजे जाने वाले पार्सल भी प्रधान डाकघर आ गए। 

महाकुंभ में भीड़ की वजह से लगभग छह हजार बैग (30 हजार पार्सल) रुके हैं। ट्रेनों से पार्सल भेजे जाते हैं, लेकिन यह व्यवस्था इन दिनों सुचारू रूप से नहीं चल पा रही थी। ट्रेन से भेजे जाने वाले पार्सल भी डाकघर में आ गए हैं। सभी को हफ्तेभर में गंतव्य स्थल तक पहुंचा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *