Delhi-NCR Earthquake News: बार-बार भूकंप का खतरा क्यों? जानिए कारण और सुरक्षा उपाय

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Delhi-NCR Earthquake News: सोमवार (17 फरवरी) को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई। भूकंप सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आया, जिससे लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए।

Delhi-NCR Earthquake News:दिल्ली-NCR में बार-बार भूकंप का खतरा क्यों?

दिल्ली तीन सक्रिय भूकंपीय रेखाओं – सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन्स के पास स्थित है। विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुग्राम सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है क्योंकि यह सात प्रमुख फॉल्ट लाइन्स पर स्थित है।

इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर हिमालय के नजदीक है, जिससे टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल का सीधा प्रभाव इस क्षेत्र पर पड़ता है। जब हिमालय बेल्ट में कोई बड़ा भूकंप आता है, तो दिल्ली-एनसीआर में भी झटके महसूस किए जाते हैं।

Delhi-NCR Earthquake News: भारत में भूकंपीय जोन और दिल्ली का स्थान

देश को भूकंपीय दृष्टि से चार जोनों में बांटा गया है –

  • जोन 5: सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित क्षेत्र (गुजरात, बिहार, असम, मणिपुर, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर, अंडमान-निकोबार)।
  • जोन 4: उच्च खतरे वाला क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर इसी जोन में आता है)।
  • जोन 3: मध्यम खतरे वाला क्षेत्र।
  • जोन 2: सबसे कम खतरे वाला क्षेत्र।

दिल्ली जोन-4 में आता है, जो दूसरी सबसे ऊंची श्रेणी है और इसे भूकंप के लिहाज से असुरक्षित माना जाता है।

Delhi-NCR Earthquake News: रिक्टर स्केल पर भूकंप का असर

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता के अनुसार संभावित प्रभाव:

तीव्रताप्रभाव
0-1.9केवल सीस्मोग्राफ से पता चलता है
2-2.9हल्का कंपन महसूस होता है
3-3.9ऐसा लगता है जैसे ट्रक पास से गुजरा हो
4-4.9खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवारों पर लगी फ्रेम गिर सकती हैं
5-5.9फर्नीचर हिल सकता है
6-6.9इमारतों की नींव दरक सकती है
7-7.9इमारतें गिर सकती हैं
8-8.9पुल और इमारतें गिर सकती हैं, सुनामी आ सकती है
9+भयंकर तबाही मच सकती है

Delhi-NCR Earthquake News: भूकंप के दौरान सुरक्षा के उपाय

  • घर के अंदर: टेबल के नीचे छुपें, दीवारों से सटे रहें, लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
  • बाहर: बिल्डिंग, पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
  • गाड़ी चला रहे हों: वाहन धीमी गति से रोकें और पुल या फ्लाईओवर के नीचे न रुकें।
  • भूकंप के बाद: इमारतों की संरचनात्मक स्थिति जांचें, आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करें, और अफवाहों पर विश्वास न करें।

दिल्ली-एनसीआर में लगातार आने वाले भूकंप लोगों के लिए चिंता का विषय हैं। सरकार और नागरिकों को इसके लिए पहले से तैयार रहने की जरूरत है।

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