YouTube: YouTube जल्द ही अपने ऐड्स पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिससे यूजर्स और कंटेंट क्रिएटर्स दोनों को फायदा होगा। 12 मई से, यूट्यूब पर वीडियो स्ट्रीमिंग का अनुभव पहले से बेहतर होने वाला है। अब वीडियो के दौरान अचानक और असुविधाजनक ढंग से विज्ञापन (ads) नहीं दिखाए जाएंगे, बल्कि नैचुरल ब्रेकप्वाइंट पर ऐड्स प्लेस किए जाएंगे। इस बदलाव से न केवल यूजर्स को बेहतर व्यूइंग अनुभव मिलेगा, बल्कि क्रिएटर्स की कमाई भी बढ़ेगी।
YouTube: क्या है नैचुरल ब्रेकप्वाइंट ऐड्स सिस्टम?
अब तक जब यूजर्स यूट्यूब पर वीडियो देखते थे, तो विज्ञापन अचानक किसी भी सीन या डायलॉग के बीच में आ जाते थे। इससे न केवल व्यूअर्स का अनुभव खराब होता था, बल्कि कंटेंट देखने का मजा भी बिगड़ जाता था। इस समस्या को दूर करने के लिए YouTube अब एक नया सिस्टम लागू कर रहा है, जहां मिड-रोल ऐड्स (बीच में दिखने वाले ऐड्स) नैचुरल ब्रेकप्वाइंट पर डाले जाएंगे।
YouTube: नैचुरल ब्रेकप्वाइंट का मतलब:
- सीन ट्रांजिशन (जहां एक सीन खत्म होकर दूसरा शुरू होता है)
- वीडियो में पॉज या नेचुरल गैप
- सीन के स्वाभाविक ब्रेक्स
इससे यूजर्स को विज्ञापन के कारण वीडियो देखने में परेशानी नहीं होगी और उनका अनुभव बेहतर होगा।
YouTube: क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?
यूट्यूब लगातार अपने प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने और यूजर्स को बेहतरीन अनुभव देने के लिए प्रयासरत है। अचानक आने वाले विज्ञापनों की वजह से कई यूजर्स को परेशानी होती थी, जिससे वे वीडियो को छोड़कर चले जाते थे। इसका असर क्रिएटर्स की व्यूअरशिप और कमाई पर भी पड़ता था।
यूट्यूब की नई पॉलिसी के फायदे:
- बेहतर व्यूइंग एक्सपीरियंस: यूजर्स अब बिना बाधा के वीडियो देख सकेंगे।
- क्रिएटर्स की बढ़ेगी कमाई: वीडियो पर ज्यादा व्यूज आएंगे, जिससे क्रिएटर्स को फायदा होगा।
- कम अनसब्सक्राइब और वीडियो छोड़ने की दर: अचानक विज्ञापन आने से वीडियो को छोड़ने वाले यूजर्स की संख्या में कमी आएगी।
YouTube: किन वीडियो पर लागू होगा यह नया फीचर?
यह फीचर यूट्यूब के सभी वीडियो पर लागू किया जाएगा, जिसमें पुराने वीडियोज भी शामिल होंगे। YouTube पुराने वीडियो पर भी मिड-रोल ऐड्स को एडजस्ट करने वाला है।
यदि कोई क्रिएटर अपने विज्ञापन प्लेसमेंट को मैन्युअली कंट्रोल करना चाहता है, तो उसे 12 मई से पहले YouTube Studio में जाकर सेटिंग्स बदलनी होंगी।
YouTube: क्रिएटर्स के लिए नई सुविधाएं
यूट्यूब इस बदलाव के साथ क्रिएटर्स की कमाई बढ़ाने के लिए भी काम कर रहा है। मिड-रोल एड प्लेसमेंट के लिए अब मैनुअल और ऑटोमैटिक तरीकों को मिक्स किया जाएगा।
- जो क्रिएटर्स नए ऑटोमैटिक सिस्टम को अपनाएंगे, वे मैन्युअल प्लेसमेंट करने वालों की तुलना में 5% ज्यादा कमाई कर सकेंगे।
- यूट्यूब एक नया टूल भी लाने वाला है, जिससे क्रिएटर्स देख सकेंगे कि उनके ऐड्स प्लेसमेंट का व्यूइंग एक्सपीरियंस पर क्या असर पड़ रहा है।
- इस टूल की मदद से उन्हें बेहतर ऐड्स प्लेसमेंट के सुझाव भी मिलेंगे, जिससे वे अपनी कमाई को अधिकतम कर सकेंगे।
यूट्यूब का यह बड़ा बदलाव न केवल यूजर्स के लिए अच्छा साबित होगा बल्कि कंटेंट क्रिएटर्स के लिए भी फायदेमंद रहेगा। 12 मई से वीडियो देखने का अनुभव पहले से ज्यादा स्मूथ और बेहतर हो जाएगा। अब विज्ञापन ऐसे समय पर आएंगे, जब वे वीडियो देखने के अनुभव को बाधित न करें। इस नई पॉलिसी से YouTube पर दर्शकों की संख्या बढ़ने और क्रिएटर्स की कमाई में वृद्धि होने की उम्मीद है।
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