Sangam Water Case: NGT ने संगम जल प्रदूषण पर यूपी सरकार से मांगा जवाब, जानें कब होगी अगली सुनवाई ?

Sangam Water Case: प्रयागराज के संगम में प्रदूषित पानी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में बुधवार, 19 फरवरी 2025 को सुनवाई हुई। आप सभी को बता दें कि, इस मामले को लेकर NGT ने उत्तर प्रदेश सरकार से काफी कड़े सवाल किए हैं इसी के साथ नाराजगी भी जताई है।

वहीं दूसरी तरफ यूपी सरकार ने NGT को आश्वासन दिया कि वह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई करेगी। मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को की जाएगी।

Sangam Water Case: NGT की सुनवाई में क्या हुआ?

इस मामले को लेकर और सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की वकील ने यह कहा कि CPCB ने टेस्ट रिपोर्ट को शामिल नहीं किया है। उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) ने भी अपनी रिपोर्ट पेश की और अपना पक्ष रखा। आप सभी को बता दें कि, वकील की  बात ngt को अच्छी नहीं लगी  इस पर NGT ने सवाल किया कि क्या यूपी सरकार CPCB की रिपोर्ट को चुनौती दे रही है?

 वहीं दूसरी तरफ यूपी सरकार की वकील ने मुद्दे पर सफाई दी कि राज्य सरकार चाहती है कि CPCB अपनी रिपोर्ट के साथ विस्तृत टेस्ट रिपोर्ट भी  सभी के सामने प्रस्तुत करे। यह सब सुनने पर NGT ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है  और कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि गंगा और यमुना के पानी को साफ रखा जाए।

Sangam Water Case: NGT ने यूपी सरकार पर उठाए सवाल

NGT ने यूपी सरकार द्वारा दाखिल जवाब पर असंतोष जाहिर किया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि सरकार का जवाब लंबा-चौड़ा है, लेकिन उसमें कोलीफॉर्म (Coliform) बैक्टीरिया के स्तर का कोई उल्लेख नहीं है। रिपोर्ट तो विस्तृत है, लेकिन इसमें गंगा और यमुना की सफाई से संबंधित सभी मानकों का समावेश नहीं किया गया है।

Sangam Water Case: UPPCB और CPCB की रिपोर्ट में अंतर

बता दें कि, UPPCB ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि जहां से CPCB ने गंगा और यमुना के सैंपल लिए, वहां का पानी प्रदूषित था। लेकिन, जहां से UPPCB ने सैंपल लिए, वहां पानी स्वच्छ था। इस विरोधाभास पर NGT ने नाराजगी जताई और यूपी सरकार को CPCB की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।

इसी के साथ यूपी सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि वह CPCB की रिपोर्ट पर कार्रवाई करेगी और साथ ही, UPPCB ने कहा कि वह गंगा और यमुना में जल गुणवत्ता पर एक हफ्ते के भीतर ताजा रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

Sangam Water Case: संगम का पानी नहाने के लिए उपयुक्त?

 हैरान करने वाली बात यह है कि, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने  मामले को लेकर यह दावा किया कि संगम का पानी नहाने के लायक बिल्कुल भी नहीं है। UPPCB के अनुसार, प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के छह स्थानों पर पानी के नमूने लिए गए, जिनमें डिसॉल्व्ड ऑक्सीजन (DO), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) और फीकल कोलीफॉर्म (FC) के स्तर स्वीकार्य मानकों के अनुरूप पाए गए।

UPPCB ने कहा कि शास्त्री ब्रिज के पास BOD और FC के स्तर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन यह गंभीर प्रदूषण नहीं है। पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Sangam Water Case:  गंगा-यमुना में प्रदूषण को रोकने के प्रयास

UPPCB के अनुसार, गंगा और यमुना में प्रदूषण रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि किसी भी नाले के माध्यम से प्रदूषित सीवेज को सीधे गंगा या यमुना में नहीं छोड़ा जा रहा है। साथ ही, किसी भी ठोस कचरे को नदियों में जाने से रोकने के लिए नियमित निगरानी की जा रही है।

Sangam Water Case: अगली सुनवाई 28 फरवरी को

NGT ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह CPCB की रिपोर्ट के अनुसार संगम के पानी की गुणवत्ता पर जल्द से जल्द सुधारात्मक कदम उठाए। इसके अलावा, UPPCB को 28 फरवरी से पहले गंगा और यमुना के पानी की गुणवत्ता पर ताजा रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *