Pune: महिला को शराबी पति से मिला छुटकारा, कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक आदेश

Pune

Pune: पुणे में एक तलाक के मामले ने कानूनी इतिहास में अपनी जगह बना ली है। कोर्ट ने तलाकशुदा महिला के पक्ष में न केवल गुजारा भत्ता बल्कि शादी में हुए खर्च और गहनों की वापसी का आदेश दिया। यह फैसला अपने आप में अनूठा है और महिलाओं के अधिकारों को एक नई दिशा देने वाला है।

Pune: गहने और शादी का खर्च लौटाएं

कोर्ट ने तलाक के आवेदन को मंजूरी देते हुए पति को आदेश दिया कि वह अपनी पत्नी को शादी में दिए गए सारे गहने और गिफ्ट वापस करे। इसके लिए तीन महीने की मोहलत दी गई। इसके साथ ही, पति को 10 लाख रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता और शादी में हुए 10 लाख रुपये का खर्च भी लौटाने का आदेश दिया गया। गुजारा भत्ता और शादी का खर्च लौटाने के लिए कोर्ट ने छह महीने का समय दिया है।

Pune: शादी का खर्च लौटाने का आदेश

महिला के वकीलों अजिंक्य सालुंखे और मयूर सालुंखे ने कहा कि यह फैसला अपनी तरह का पहला है। तलाक के मामलों में अक्सर गुजारा भत्ता दिया जाता है, लेकिन शादी के खर्च की वापसी का आदेश देना दुर्लभ और अनोखा मामला है। यह फैसला उन महिलाओं के लिए एक मिसाल बन सकता है, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रही हैं।

Pune: शराबी और गैर-जिम्मेदाराना पति से परेशान थी महिला

महिला ने तलाक के लिए कोर्ट में अपने पति की शारीरिक और मानसिक क्रूरता को आधार बनाया। महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति अत्यधिक शराब पीता था और उसका व्यवहार बेहद गैर-जिम्मेदाराना था। शादी के दौरान उसने अपनी पत्नी को प्रताड़ित किया और उसकी भावनाओं की अनदेखी की।

Pune: अलगाव के दौरान भी जारी रही मानसिक प्रताड़ना

महिला के वकील ने कोर्ट को बताया कि अलगाव की अवधि में भी पति का व्यवहार सुधरने के बजाय और बिगड़ गया। उसने व्हाट्सऐप पर अन्य महिलाओं के साथ अपनी तस्वीरें साझा कीं और फेसबुक पर अन्य लड़कियों के साथ तस्वीरें पोस्ट कीं। ये घटनाएं महिला के मानसिक उत्पीड़न का कारण बनीं और उसने तलाक का फैसला लिया।

Pune: महिला के पक्ष में आया फैसला

कोर्ट ने माना कि पति का व्यवहार महिला के लिए असहनीय था। एक साल से जारी शारीरिक और मानसिक क्रूरता के आधार पर महिला को तलाक दे दिया गया। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला के अधिकारों की रक्षा की और उसे शादी के दौरान हुए खर्च और गहनों की वापसी का अधिकार दिया।

Pune: महिला अधिकारों के लिए मिसाल

यह फैसला महिला अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो शादी में प्रताड़ना झेल रही हैं और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं। शादी का खर्च और गहनों की वापसी का आदेश एक मिसाल बन सकता है, जिससे महिलाएं अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकें।

पुणे का यह तलाक मामला महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में दर्ज किया जाएगा। कोर्ट का फैसला दिखाता है कि न्यायपालिका महिलाओं के अधिकारों को लेकर कितनी गंभीर है। यह निर्णय समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने में मदद करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *