Palghar: पालघर जिले में लगातार नकली अर्थात जाली नोट के मामले सामने आ रहें हैं, जिसे लकार पुलिस प्रशासन कड़े कदम उठा रही है लेकिन इन सब के बावजूद इन मामलों में कमी नहीं आ रही है। बता दें कि, एक ऐसा ही मामला पालघर के निहालपाड़ा इलाके से आ रहा हैं जहां पर एक खेत में चल रही नकली नोटों की फैक्टरी पर पुलिस ने छापा मार कर चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में मुख्य आरोपित खलील फरार हो गया है।भायखला पुलिस स्टेशन की टीम आरोपित खलील की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
Palghar: नकली नोट छापने के उपकरण और सामग्री की जब्त
पालघर जिले के निहालपाड़ा इलाके में रविवार को पुलिस ने एक खेत में छापा मारकर नकली नोट छापने के उपकरण और सामग्री जब्त की। कार्रवाई में दो लैपटॉप, चार्जर, माउस, 1,367 बटर पेन, एक टेलीग्राम, स्क्रीन प्रिंटिंग डाइ और अन्य सामग्रियां बरामद हुईं।
पुलिस ने इस मामले में उमरान उर्फ आसिफ उमर बलबाले, यासीन यूनुस शेख, भीम प्रसाद सिंह बडेला और नीरज वेखंडे को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी खलील फरार हो गया है, जिसकी तलाश जारी है। मामले की जांच गहराई से की जा रही है।
Palghar: नकली नोटों को कैसे ले जाते थे ?
आप सभी को बता दें कि, जब नकली नोट पूरी तरफ से छप जाते थे तो उसके बाद , खलील अंसारी और नीरज वेखंडे दोनों अन्य आरोपितों की मदद से उन्हें मुंबई में इन नोटों को आसानी से बेच देते थे। इस मामले को लेकर यह बात सामने आ रही है कि 35,000 से 40,000 रुपये के असली नोट देने के बाद यह गिरोह एक लाख रुपये तक के नकली नोट दे रहा था। इस घटना को लेकर किसी को भी कोई संदेह नहीं होता हैं, अपने मकसद को पूरा करने के लिए वे अपनी बाइक की डिक्की से ये नकली 500 रुपये के नोट मुंबई ला रहे थे। अभी तक इस बात को लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है कि, इस गिरोह ने पालघर के खेतों में अब तक कितने नोट छापे हैं और उनमें से कितने को मुंबई की करेंसी में बदला गया है, इसकी छानबीन की जा रही है।
Palghar:नकली नोटों का कारोबार ग्रामीण इलाकों में भी पसार चुका है पैर
इस गिरोह की गिरफ्तारी ने यह उजागर कर दिया है कि नकली नोटों का कारोबार ग्रामीण इलाकों में भी पैर पसार चुका है। पालघर में यह पहली घटना नहीं है; इससे पहले भी नकली नोटों के कारोबार के मामले सामने आ चुके हैं।
इन गतिविधियों से न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होता है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस काले कारोबार की जड़ तक पहुंच पाती है या नहीं, ताकि इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
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