Mumbai Heart Surgery: मुंबई में बिना चीरा और बेहोशी के हुई जटिल हार्ट सर्जरी, 71 वर्षीय महिला स्वस्थ

Mumbai Heart Surgery: मुंबई में चिकित्सा जगत में एक क्रांतिकारी उपलब्धि हासिल हुई है। यहां के डॉक्टरों ने बिना चीरा लगाए और बिना मरीज को बेहोश किए (जनरल एनेस्थीसिया के बिना) एक बेहद जटिल हार्ट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस तकनीक के माध्यम से 71 वर्षीय महिला को नया जीवन मिला। यह सर्जरी हार्ट वॉल्व से जुड़ी गंभीर समस्या को दूर करने के लिए की गई थी, जिससे मरीज को जल्दी रिकवरी का फायदा मिला।

Mumbai Heart Surgery: क्या है यह अनोखी सर्जरी?

मुंबई के एक प्रमुख अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने बिना किसी चीरा और बिना पूरी बेहोशी के हार्ट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह प्रक्रिया ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट (TAVR) कहलाती है, जो पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी का एक आधुनिक और सुरक्षित विकल्प है।

इस तकनीक में मरीज की जांघ की धमनी के जरिए एक कैथेटर डाला गया और हार्ट वॉल्व को रिप्लेस किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में मरीज पूरी तरह होश में था, जिससे रिकवरी जल्दी हुई और अस्पताल में रुकने का समय भी कम हो गया।

Mumbai Heart Surgery: 71 वर्षीय महिला की गंभीर हार्ट समस्या

71 वर्षीय महिला एओर्टिक स्टेनोसिस नामक गंभीर हृदय रोग से पीड़ित थीं। इस बीमारी में हृदय का वॉल्व संकुचित हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। इसके कारण मरीज को सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और अत्यधिक थकान जैसी समस्याएं होती हैं।

महिला की उम्र और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी के बजाय TAVR तकनीक अपनाने का फैसला किया।

Mumbai Heart Surgery: बिना चीरा और बेहोशी के सर्जरी क्यों जरूरी थी?

  • कम जोखिम: बुजुर्ग मरीजों के लिए ओपन-हार्ट सर्जरी ज्यादा जोखिम भरी हो सकती है।
  • तेजी से रिकवरी: पारंपरिक सर्जरी की तुलना में इस प्रक्रिया में मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकता है।
  • कम दर्द और परेशानी: चीरा न होने के कारण दर्द कम होता है और संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता।
  • अस्पताल में कम समय: इस प्रक्रिया के बाद मरीज को कुछ ही दिनों में छुट्टी मिल जाती है, जबकि ओपन-हार्ट सर्जरी के बाद लंबा रिकवरी पीरियड होता है।

Mumbai Heart Surgery: कैसे हुई यह अनोखी सर्जरी?

  1. कैथेटर का उपयोग: डॉक्टरों ने जांघ की धमनी के माध्यम से एक पतली ट्यूब (कैथेटर) डाली।
  2. वॉल्व रिप्लेसमेंट: इसी ट्यूब के जरिए नया वॉल्व हृदय तक पहुंचाया गया और खराब वॉल्व को बदल दिया गया।
  3. मरीज पूरी तरह होश में: इस दौरान महिला पूरी तरह सचेत थी और उसे केवल हल्का दर्दनाशक दिया गया।
  4. सिर्फ 90 मिनट में प्रक्रिया पूरी: यह पूरी प्रक्रिया मात्र 90 मिनट में सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई।

Mumbai Heart Surgery: सर्जरी के बाद महिला की स्थिति

सर्जरी के कुछ घंटों बाद ही महिला सामान्य रूप से बातचीत कर रही थीं और उन्हें किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं हो रही थी। महज दो दिनों में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

पारंपरिक हार्ट सर्जरी में जहां मरीज को कई हफ्तों तक आराम की जरूरत होती है, वहीं इस प्रक्रिया में मरीज कुछ ही दिनों में सामान्य जीवन जी सकता है।

Mumbai Heart Surgery: हार्ट सर्जरी में भारत के लिए क्रांतिकारी उपलब्धि

भारत में हृदय रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर बुजुर्गों में। TAVR जैसी तकनीक उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जिन्हें पारंपरिक सर्जरी से अधिक खतरा होता है।

मुंबई में की गई यह अनोखी हार्ट सर्जरी मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। बिना चीरा और बिना बेहोशी के की गई इस जटिल प्रक्रिया ने 71 वर्षीय महिला को नया जीवन दिया। यह सर्जरी भविष्य में हृदय रोग से पीड़ित कई अन्य मरीजों के लिए भी उम्मीद की किरण बन सकती है।

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