Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधान सभा को ख़त्म हुए कई महीने हो गए, लेकिन राज्य की सियासत अभी भी गर्म हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन दिनों स्विट्जरलैंड में हैं। इधर सीएम से डिप्टी सीएम बने एकनाथ शिंदे अपने गांव चले आए हैं। आप सभी को बता दें कि, इन दोनों नेताओं की ये दूरी सिर्फ भौगोलिक ही नहीं, बल्कि चिंता का कारण बन गया है। इसके साथ ही यह लड़ाई अब सियासी भी हो गई है। ऐसा बताया जा रहा है कि शिंदे इन दिनों नाराज चल रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ, सरकार बनने के बाद महायुति में लगातार नाराजगी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ कभी मंत्री पद को लेकर तो कभी विभागों को लेकर। अब दो जिलों के गार्जियन मिनिस्टर को लेकर विवाद महायुति में विवाद चल रहा है। बता दें कि, शिंदे की शिवसेना गार्जियन मिनिस्टर की नियुक्ति पर नाराज चल रही है। गार्जियन मिनिस्टर यानी वो मंत्री जो किसी विशेष जिले के विकास की देखरेख के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
Maharashtra Politics: जानें क्यों हैं शिंदे नाराज़ ?
महायुति सरकार में रायगढ़ जिले की गार्जियन मिनिस्टर एनसीपी की आदिति तटकरे और नासिक जिले की गार्जियन मिनिस्टर बीजेपी के गिरीश महाजन बनाए गए हैं। आदिति तटकरे, जो एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे की बेटी हैं, रायगढ़ जिले का प्रभार संभालेंगी, जबकि गिरीश महाजन नासिक की जिम्मेदारी निभाएंगे। इन दोनों जिलों की जिम्मेदारी के लिए शिवसेना ने भी दावेदारी की थी, लेकिन उनकी मांग को अनदेखा कर दिया गया। इस फैसले से शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हो गए। नाखुशी जाहिर करते हुए शिंदे एक बार फिर अपने गांव चले गए। यह घटनाक्रम महायुति सरकार के भीतर गठबंधन दलों के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौतियों को उजागर करता है। गार्जियन मिनिस्टर की नियुक्ति को लेकर पैदा हुए इस असंतोष ने राजनीतिक खींचतान को और बढ़ावा दिया है।
हालांकि बीजेपी उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए बीजेपी से गिरीश महाजन और चंद्रकात बावनकुले को लगाया गया है। शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए फिलहाल दोनों जिलों के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति होल्ड कर दी गई है।
Maharashtra Politics: संजय राउत ने कसा तंज
महायुति सरकार में रायगढ़ और नासिक जिले के गार्जियन मिनिस्टर की नियुक्ति ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। रायगढ़ जिले का प्रभार एनसीपी नेता सुनील तटकरे की बेटी और मंत्री आदिति तटकरे को मिला, जबकि नासिक की जिम्मेदारी बीजेपी नेता गिरीश महाजन को सौंपी गई। शिवसेना ने इन दोनों जिलों की जिम्मेदारी के लिए मांग की थी, लेकिन उनकी यह मांग नहीं मानी गई। इससे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हो गए और विरोधस्वरूप अपने गांव चले गए।
इस बीच, चर्चा है कि शिवसेना को मनाने की कोशिश में जुटी बीजेपी अब एनसीपी के नेताओं की नाराजगी का सामना कर रही है। गठबंधन के भीतर बढ़ती खींचतान ने विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि बहुमत के बावजूद महायुति सरकार ठीक से काम नहीं कर पा रही है।
Maharashtra Politics: शिंदे की नाराजगी उस समय खुलकर सामने आई
मुख्यमंत्री शिंदे की नाराजगी उस समय खुलकर सामने आई, जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 20 से 24 जनवरी तक विदेश दौरे पर थे। इस राजनीतिक अस्थिरता के कारण महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच गई है। फडणवीस की वापसी के बाद शिंदे की नाराजगी पर चर्चा की उम्मीद की जा रही है।
यह घटनाक्रम महायुति सरकार के भीतर गठबंधन दलों के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को उजागर करता है। शिवसेना और एनसीपी के नेताओं की नाराजगी से यह स्पष्ट है कि सरकार में सभी दलों के हितों को साधना आसान नहीं है। फिलहाल, महाराष्ट्र की राजनीति में नाराजगी और तंज का दौर जारी है, और मुख्यमंत्री शिंदे की भूमिका इस सियासी खींचतान में अहम बनी हुई है।
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