Mahakumbh 2025: तीर्थराज प्रयागराज में 13 जनवरी से चल रहे दिव्य और भव्य महाकुंभ ने महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर इतिहास रच दिया। बुधवार सुबह आठ बजे तक 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे। यह महाकुंभ श्रद्धालुओं की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन गया है।
Mahakumbh 2025: इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ महाकुंभ 2025
अब तक किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन में इतने बड़े पैमाने पर लोगों का एकत्रित होना दर्ज नहीं किया गया था। 45 दिनों के अंदर प्रयागराज में बनाए गए अस्थायी शहर में जो विशाल जनसमूह उमड़ा, वह कई देशों की कुल आबादी से भी अधिक है। इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं ने न केवल त्रिवेणी संगम में स्नान किया, बल्कि सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता की अद्वितीय मिसाल भी पेश की।
Mahakumbh 2025: कई देशों की आबादी से अधिक श्रद्धालु पहुंचे महाकुंभ
65 करोड़ श्रद्धालुओं का महाकुंभ में शामिल होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यदि इस संख्या की तुलना विश्व के विभिन्न देशों की जनसंख्या से की जाए, तो यह अमेरिका की कुल आबादी से दोगुनी, पाकिस्तान की ढाई गुना और रूस की चार गुना आबादी के बराबर है। वहीं, जापान की पांच गुना, यूके की 10 गुना और फ्रांस की 15 गुना आबादी के बराबर श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचे।
Mahakumbh 2025: देश की आधी आबादी ने लगाया पावन डुबकी
इस बार के महाकुंभ में भारत की लगभग आधी आबादी स्नान कर चुकी है। यदि सनातन धर्मावलंबियों की बात करें, तो देश के लगभग 60% और विश्व के 55% से अधिक सनातनी श्रद्धालुओं ने इस महायोग में भाग लिया।
Mahakumbh 2025: 73 देशों के राजनयिक और भूटान नरेश हुए शामिल
महाकुंभ 2025 न केवल भारतीयों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के सनातनी समुदाय के लिए आस्था का केंद्र बन गया। इस आयोजन में 73 देशों के राजनयिकों ने भाग लिया, वहीं भूटान के नरेश नामग्याल वांगचुक समेत नेपाल से 50 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। इटली, फ्रांस, यूके, पुर्तगाल, अमेरिका, इजराइल, ईरान और मॉरीशस सहित कई देशों से श्रद्धालु इस महाकुंभ के साक्षी बने।
Mahakumbh 2025: सीएम योगी का अनुमान भी हुआ पार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस बार का महाकुंभ स्नानार्थियों की संख्या के नए रिकॉर्ड बनाएगा। उन्होंने शुरुआत में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। हालांकि, 11 फरवरी को ही यह आंकड़ा पार हो गया था। 22 फरवरी को 60 करोड़ का आंकड़ा छूने के बाद महाशिवरात्रि पर यह 65 करोड़ के ऐतिहासिक रिकॉर्ड तक पहुंच गया।
Mahakumbh 2025: सनातन संस्कृति की दिव्यता ने दुनिया को किया मंत्रमुग्ध
महाकुंभ 2025 ने न केवल सनातन परंपरा का गौरव बढ़ाया, बल्कि दुनिया को भारतीय संस्कृति, धार्मिक एकता और आध्यात्मिकता की दिव्यता से परिचित कराया। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बना और आने वाले समय में भी इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई देगी।
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