Kumbh Mela 2025: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को है। इस दिन 14 जनवरी को हुए पहले अमृत स्नान से भी अधिक लोगों के पहुंचने की पूरी संभावना है। मौनी अमावस्या के दिन किए जाने वाले अमृत स्नान से न केवल आपको शुभ फल मिलते हैं, बल्कि आपके पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है। हालांकि, जो लोग अमृत स्नान वाले दिन डुबकी लगाने वाले हैं उन्हें कुछ गलतियां करने से इस दिन बचना चाहिए। आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
Kumbh Mela 2025: इन देवी देवताओं का जरूर करे ध्यान
दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन है और इस दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में अमृत स्नान करने के बाद गलती से भी पितरों के निमित्त तर्पण देना न भूलें। आप डुबकी लगाने के बाद गंगाजल लेकर पितरों को याद करते हुए अर्घ्य दे सकते हैं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है।
मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के बाद आपको भगवान शिव और विष्णु को भी अवश्य स्मरण करना चाहिए। इन दोनों देवताओं की कृपा से आपके सभी कार्य बनते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
Kumbh Mela 2025: स्नान के बाद भूल से भी न करे ये गलती। ..
अमावस्या तिथि के दिन स्नान के बाद दान का भी बड़ा महत्व है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस दिन आपको दान करना चाहिए। स्नान के बाद दान करने से पुण्य और भी अधिक बढ़ जाता है। दान के रूप में आप अन्न, जल, वस्त्र इत्यादि दे सकते हैं। माना जाता है कि महाकुंभ के स्नान का पुण्य तभी मिलता है जब डुबकी लगाने के बाद आप किसी धार्मिक स्थल यानि मंदिर के दर्शन करते हैं। इसलिए डुबकी लगाने के बाद आप प्रयागराज के ही किसी सिद्ध मंदिर के दर्शन करके अवश्य आएं। साथ ही वहां मिलने वाले प्रसाद का सेवन भी जरूर करें। महाकुंभ का स्नान आत्मिक शुद्धि के लिये किया जाता है। इसलिए स्नान करने के बाद गलती से भी किसी का दिल न दुखाएं, किसी के साथ गलत व्यवहार न करें। महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या को है, इसलिए डुबकी लगाने के बाद अगर आप कुछ देर मौन रहें तो आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
स्नान करने के बाद आपको गलती से भी गंगा नदी में या इसके घाट पर गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। कई लोग स्नान के बाद गंगा में थूक देते हैं या गंगा के घाट के किनारे मलमूत्र त्याग करते हैं। ऐसा करना पाप तुल्य माना जाता है। यह गलती करने से महाकुंभ स्नान का शुभ परिणाम भी आपको प्राप्त नहीं होता।