Kho Kho World Cup 2025: रिक्शा से वर्ल्ड चैंपियन तक कैसा रहा सफ़र, यहां जानें मोनिका की संघर्षपूर्ण यात्रा…

Kho Kho World Cup 2025: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 से 19 जनवरी तक खो-खो वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन हुआ था। इस टूर्नामेंट में भारतीय महिला टीम की सदस्य बनी बिहार की बेटी मोनिका ने अपनी मेहनत से देश का नाम रोशन किया। आप सभी को बता दें कि, फाइनल मैच भारत और नेपाल के बीच खेला गया है, जिसमें भारतीय टीम ने नेपाल को 78-40 के बड़े अंतर से हराकर विश्व खिताब अपने नाम कर लिया है।

Kho Kho World Cup 2025: मोनिका का परिवार और संघर्ष की कहानी

इस परिणाम के बाद मोनिका के परिवार में इस जीत की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है, लेकिन इस जीत की पीछे उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। मोनिका का घर बिहार के भागलपुर जिले के गोपालपुर प्रखंड के डिमाहा गांव में है। उनके पिता बिनोद साह ने कभी रिक्शा चलाया तो कभी दिल्ली में सब्जी बेची। परिवार का घर कच्चा है और आज भी उनके घर में गैस चूल्हा नहीं है।

Kho Kho World Cup 2025: पिता से बात और गर्व की भावना

मोनिका को जैसे इस जीत के बारे में पता चला उन्होंने तुरंत अपने पिता से फोन पर बात की। पिता ने पूछा, “खेल अच्छा हुआ न?” मोनिका ने जवाब दिया, “हां पापा, अच्छा हुआ।” पिता ने गर्व से कहा, “अब हमें विश्वास हो गया है कि मेरी बेटी ने देश का नाम रोशन कर दिया है।”

Kho Kho World Cup 2025: मोनिका के पिता का संघर्ष

वहीं बिनोद साह कहते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी को इतना बड़ा सम्मान मिलेगा। वह खुद रिक्शा चलाते थे और बेटी को स्कूल छोड़ने के लिए रिक्शा से ही जाते थे। जब मोनिका बड़ी हुई, तो उसने खुद स्कूल जाना शुरू किया। इसके अलावा, बिनोद साह ने दिल्ली में सब्जी भी बेची।

Kho Kho World Cup 2025: आवास योजना और गैस कनेक्शन की कमी

बिनोद साह ने बताया कि उनकी परिवार को कभी भी प्रधानमंत्री आवास योजना या गैस कनेक्शन का लाभ नहीं मिला। उनका परिवार कच्चे घर में ही रहता है और कभी-कभी बच्चों से मिलने वाले पैसे से ही घर का खर्च चलता है। उन्होंने कहा कि जिस दिन फाइनल मैच था, वह बगल के पड़ोसी के घर जाकर टीवी पर पूरा मैच देखा और मोनिका का खेल देख कर बहुत गर्व महसूस हुआ।

Kho Kho World Cup 2025: खो-खो वर्ल्ड कप में भारत की जीत

13 जनवरी से दिल्ली में शुरू हुआ खो-खो वर्ल्ड कप 2025 महिलाओं का पहला मैच साउथ कोरिया के खिलाफ था, जिसमें भारत ने बड़ी जीत हासिल की। फाइनल में भारत और नेपाल की टीमें भिड़ीं, जहां भारतीय महिला टीम ने मजबूत खेल का प्रदर्शन करते हुए नेपाल को हराया और विश्व खिताब अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में मोनिका और उनकी टीम ने अपनी शानदार टीमवर्क और कौशल से भारतीय खो-खो को एक नई ऊंचाई दी है।

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