व्हाटअप्प ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहाँ क्लिक करे 👉
---Advertisement---

Kashmir News: शाह बोले- कश्मीर महर्षि कश्यप के नाम पर, शासकों द्वारा लिखित इतिहास को बदलने का समय

On: Friday, January 3, 2025 10:02 AM
Kashmir News
---Advertisement---

Kashmir News: क्‍या कश्मीर का नाम बदलने वाला है? मामले को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा क‍ि जम्मू कश्मीर के इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया। जिनकी स्मृति में हमारा गौरवमयी इतिहास है, वो ऐसी गलती नहीं करते।उन्होंने अपनी बात रखते हुए उन्होंने यह भी कहा कि, कश्मीर का सांस्कृतिक गौरव हम फ‍िर प्राप्त करेंगे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जो नारा दिया था क‍ि जम्मू और कश्मीर भारत का अंग ही सिर्फ नहीं है बल्कि भारत की आत्मा का हिस्सा है, हम उसे पूरा करके दिखाएंगे। लेकिन इसके बाद अमित शाह ने कश्मीर को कश्यप ऋषि से जोड़ते हुए कहा क‍ि कश्मीर का नाम कश्यप के नाम से हो सकता है। उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा सकते हैं। लेकिन अमित शाह ने ये बात यूं ही नहीं कही, कश्मीर से कश्यप ऋषि एक खास कनेक्‍शन है।

पहली बात, कश्मीर शब्द ही संस्‍कृत‍ि का शब्‍द है। इसका शाब्‍द‍िक अर्थ है कश्यप ऋषि की भूमि। इससे आप समझ गए होंगे क‍ि कश्मीर का नाम कैसे पड़ा होगा। पौराण‍िक मान्‍यता है क‍ि कश्यप ऋषि के नाम पर ही कश्मीर का नाम रखा गया था। कश्यप ऋषि एक सारस्वत ब्राह्मण और सप्तर्षियों में से एक थे। कश्मीरी पंड‍ितों को उनका वंशज माना जाता है।

Kashmir News: कश्मीर नाम के पीछे क्‍या कहानी

कश्मीर पर लिखी सबसे पुरानी क‍िताबों से एक ‘नीलमत पुराण’ के अनुसार, देवी सती की झील में जलोद्भव नाम का एक राक्षस रहता था। उसने ब्रह्मा के वरदान लेकर आतंक फैला दिया था। पहाड़ी ढलानों के पास रहने वाले लोगों को वह प्रताड़‍ित क‍िया करता था। उन्‍हें जिंदा खा जाता था। देवताओं के आग्रह पर कश्यप ऋषि इन लोगों की मदद के ल‍िए आए। लंबे समय तक तपस्‍या की। इसके बाद भगवान विष्‍णु ने सुअर का रूप धारण कर वराहमूल में पहाड़ पर प्रहार किया। इस प्रहार से बाढ़ आ गई और राक्षस मारा गया। इसके बाद से ही इस जगह को कश्मीर कहा जाने लगा। कुछ लोग कहते हैं क‍ि “कश्यप-मार” शब्‍द की वजह से इसका नाम कश्मीर पड़ा।

Kashmir News: क्या शाह इतिहासकारों को देने वाले हैं चुनौती ?

जम्मू कश्मीर लद्दाख पर लिखी पुस्‍तक ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख थ्रू द एजेस’ का विमोचन करते हुए गृहमंत्री ने इत‍िहासकारों को सही इत‍िहास लिखने की चुनौती दी। शाह ने कहा- इतिहास लुटियन दिल्ली में बैठकर लिखा नहीं जाता, उसको जाकर समझना पड़ता है। शासकों को खुश करने के लिए इतिहास लिखने का वक्त जा चुका है। मैं भारत के इतिहासकारों से अपील करता हूं कि प्रमाण के आधार पर इतिहास को लिखें। देश आजाद है। देश की जनता के सामने सही चीजों को रखा जाए। शंकराचार्य का ज‍िक्र किया जाए। सिल्क रूट, हेमिष मठ से साबित होता है क‍ि कश्मीर में ही भारत के संस्कृति की नीव पड़ी थी। सूफी, बौध और शैल मठ सबने कश्मीर में बहुत अच्छी तरीके से विकास किया। उनके बारे में लोगों को बताना चाहिए।

Kashmir News: कश्मीर में आतंक को लेकर शाह ने क्या कहा ?

गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए बताया क‍ि पीएम मोदी चाहते थे क‍ि यूटी बनने के बाद कि कश्मीर की छोटी से छोटी स्थानीय भाषा को जीवित रखा जाए। इसल‍िए हमने कश्मीरी, डोगरी, बालटी और झंस्कारी भाषा को स्‍वीकृत‍ि दी। धारा 370 और 35ए देश को एक होने से रोकने के प्रावधान थे। संविधान सभा में इन धाराओं को लेकर बहुमत नहीं था। इसीलिए इसे टेंपरेरी उसी वक्त बनाया गया था। लेकिन आजादी के बाद इस कलंकित अध्याय को मोदी सरकार ने हटाया। धारा 370 ने ही कश्मीर में अलगाववाद का बीज युवाओं के बीच बोया। धारा 370 ने भारत और कश्मीर में जुड़ाव को तोड़ा, इसीलिए आतंकवाद घाटी में पनपा और फैला। घाटी में आतंक का तांडव फैला लेकिन हटने के बाद धारा 370 के आतंक कश्मीर में घटा है।

Join WhatsApp

Join Now

---Advertisement---