महाराष्ट्र के नागपुर स्थित मिहान क्षेत्र में ‘पतंजलि मेगा फूड एंड हर्बल पार्क’ की स्थापना की जा रही है। इस अत्याधुनिक प्लांट का परिचालन 9 मार्च 2025 से शुरू हो जाएगा। इस परियोजना का भूमि पूजन वर्ष 2016 के सितंबर महीने में किया गया था, और अब यह अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
Patanjali News: रोजगार के नए अवसर
इस फूड प्रोसेसिंग प्लांट के जरिए पतंजलि प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 500 लोगों को रोजगार प्रदान कर चुका है। भविष्य में जब यह प्लांट पूरी तरह से कार्यरत हो जाएगा, तब इसमें 10,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। इससे स्थानीय किसानों और व्यापारियों को भी बड़े स्तर पर लाभ मिलेगा।
Patanjali News: पतंजलि ने नागपुर को ही क्यों चुना?
नागपुर पूरे विश्व में ‘ऑरेंज सिटी’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहां संतरा, कीनू, मौसम्मी और नींबू जैसी सिटरस फसलों की बहुलता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पतंजलि ने इस क्षेत्र में एक आधुनिक सिटरस प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया। इस प्लांट में संतरे और अन्य ट्रॉपिकल फलों को प्रोसेस कर जूस, पल्प, पेस्ट और प्यूरी का उत्पादन किया जाएगा।
Patanjali News: प्रसंस्करण क्षमता और उत्पादन
यह सिटरस प्रोसेसिंग प्लांट प्रतिदिन 800 टन फल प्रोसेस कर सकता है और इससे फ्रोजन जूस कंसंट्रेट तैयार किया जाएगा। यह जूस 100% प्राकृतिक होगा और इसमें किसी प्रकार के प्रिजर्वेटिव या अतिरिक्त शुगर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
इस प्लांट में निम्नलिखित फलों और सब्जियों की प्रोसेसिंग होगी:
- आंवला – 600 टन प्रतिदिन
- आम – 400 टन प्रतिदिन
- अमरूद – 200 टन प्रतिदिन
- पपीता – 200 टन प्रतिदिन
- सेब – 200 टन प्रतिदिन
- अनार – 200 टन प्रतिदिन
- स्ट्रॉबेरी – 200 टन प्रतिदिन
- प्लम – 200 टन प्रतिदिन
- नाशपाती – 200 टन प्रतिदिन
- टमाटर – 400 टन प्रतिदिन
- लौकी – 400 टन प्रतिदिन
- करेला – 400 टन प्रतिदिन
- गाजर – 160 टन प्रतिदिन
- एलोवेरा – 100 टन प्रतिदिन
Patanjali News: स्थानीय किसानों को मिलेगा फायदा
इस मेगा फूड पार्क के खुलने से महाराष्ट्र और आसपास के किसानों को भी बड़ा फायदा मिलेगा। वे अपनी उपज को सीधे पतंजलि को बेच सकेंगे, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिलेगा और बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।
पतंजलि का नागपुर में यह मेगा फूड पार्क देश में फूड प्रोसेसिंग उद्योग को एक नई दिशा देने वाला है। यह न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं को भी लाभ पहुंचाएगा। इस परियोजना के माध्यम से पतंजलि ने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूत किया है।
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