Maharashtra: नालासोपारा में 13 वर्षीय नाबालिग ने की 6 साल की चचेरी बहन की हत्या

Maharashtra: मुंबई के पास नालासोपारा के पेल्हार पुलिस थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़के ने अपनी 6 साल की चचेरी बहन की निर्मम हत्या कर दी। इस घटना के पीछे की वजह चौंकाने वाली है—आरोपी को लगता था कि परिवार और पड़ोस के लोग उसकी बहन से ज्यादा प्यार करते हैं और उसे अनदेखा कर रहे हैं। इसी ईर्ष्या के कारण उसने यह खौफनाक कदम उठाया।

Maharashtra: फिल्म ‘रमन राघव’ से प्रभावित होकर की वारदात

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने एक फिल्म देखी थी, जो 1960 के दशक में मुंबई के कुख्यात सीरियल किलर ‘रमन राघव’ पर आधारित थी। इस फिल्म से प्रभावित होकर उसने अपनी बहन की हत्या की योजना बनाई।

Maharashtra: गला घोंटकर और पत्थर मारकर की हत्या

घटना मुंबई-अहमदाबाद हाईवे के पास की है। पुलिस के अनुसार, नाबालिग लड़का अपनी चचेरी बहन को सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसने पहले उसका गला घोंटा और फिर पत्थर से वार कर उसकी जान ले ली।

Maharashtra: बच्ची के लापता होने के बाद शुरू हुई तलाश

शनिवार को जब बच्ची लापता हुई तो परिवार वालों ने उसे ढूंढना शुरू किया। जांच के दौरान एक सीसीटीवी फुटेज मिला, जिसमें नाबालिग लड़का बच्ची को पहाड़ों की तरफ ले जाता हुआ दिखा। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि दो अज्ञात लोगों ने बच्ची की हत्या कर दी।

Maharashtra: पुलिस पूछताछ में कबूला जुर्म

शुरुआत में लड़का बार-बार अपने बयान बदलता रहा, लेकिन गहन पूछताछ के बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस का कहना है कि लड़का अपराध के समय मानसिक रूप से बहुत आक्रोशित था और उसे यह लग रहा था कि परिवार वाले उसे प्यार नहीं करते।

Maharashtra: नाबालिग को किया जाएगा जुवेनाइल कोर्ट में पेश

फिलहाल आरोपी अपने परिवार के पास है, लेकिन पुलिस ने उसे हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही उसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसकी सजा पर फैसला होगा।

Maharashtra: समाज में मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल

यह घटना न केवल एक पारिवारिक त्रासदी है बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है। बच्चों की मानसिक स्थिति, उनकी भावनाएं और उनके आसपास का माहौल उनके व्यवहार को कितना प्रभावित कर सकता है, यह इस घटना से स्पष्ट हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में बच्चों की भावनाओं को समझना और उन्हें सही मार्गदर्शन देना बेहद जरूरी है, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

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