Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 5 और चीते छोड़े गए, कुल संख्या हुई 26

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बुधवार, 5 फरवरी 2025 को 5 और चीतों को बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा गया। इसके साथ ही अब कुल 7 चीते खुले जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं। कूनो में चीतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और अब यहां कुल 26 चीते मौजूद हैं, जिनमें 14 शावक भी शामिल हैं।

Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वयं किया चीता रिलीज़

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वयं कूनो नेशनल पार्क पहुंचकर मादा चीता ‘धीरा’ और ‘आशा’ के साथ आशा के तीन शावकों को जंगल में छोड़ा। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों के साथ चीता पुनर्वास परियोजना की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा, “यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि एशिया में विलुप्त हो चुके चीते मध्य प्रदेश में फिर से बस रहे हैं और उनका कुनबा लगातार बढ़ रहा है।”

मुख्यमंत्री ने मंगलवार, 4 फरवरी को जानकारी दी थी कि चीता वीरा के दो शावकों का जन्म हुआ है, जिससे कूनो में चीतों की कुल संख्या बढ़कर 26 हो गई है। इससे पहले, दिसंबर 2023 में चीता ‘वायु’ और ‘अग्नि’ को जंगल में छोड़ा गया था।

मोहन यादव ने इस अवसर पर अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “आज पालपुर-कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ‘धीरा’ व ‘आशा’ और 3 शावकों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा गया। इसी अवसर पर अधिकारियों से चीता प्रोजेक्ट के संबंध में समीक्षा भी की। यह देखकर अत्यंत सुख की अनुभूति होती है कि कभी एशिया महाद्वीप से विलुप्त हो चुके चीते आज मध्य प्रदेश की पावन धरा पर रफ्तार भी भर रहे हैं और अपना कुनबा भी बढ़ा रहे हैं।”

Madhya Pradesh: भारत में चीता पुनर्वास अभियान

भारत में चीते सात दशक पहले अत्यधिक शिकार और प्राकृतिक आवासों के नुकसान के कारण विलुप्त हो गए थे। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। यह दुनिया का पहला अंतरमहाद्वीपीय चीता पुनर्वास अभियान था, जिसके जरिए भारत में चीतों की विलुप्त प्रजाति को फिर से स्थापित करने का प्रयास किया गया।

सरकार और वन्यजीव संरक्षण विभाग के निरंतर प्रयासों से कूनो में चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पुनर्वास कार्यक्रम सफल रहा तो आने वाले वर्षों में भारत में चीतों की एक स्थायी आबादी विकसित हो सकती है।

Madhya Pradesh: आगे की चुनौतियाँ और सरकार की योजना

हालांकि, चीता पुनर्वास योजना के तहत कई चुनौतियाँ भी हैं। जंगल में छोड़े गए चीतों को प्राकृतिक परिवेश में जीवित रहने और शिकार करने की क्षमता विकसित करनी होगी। वन्यजीव विशेषज्ञ लगातार इनकी निगरानी कर रहे हैं ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

मध्य प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए अतिरिक्त संसाधन देने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले वर्षों में अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में भी चीतों को बसाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे भारत में इस विलुप्त हो चुकी प्रजाति को फिर से मजबूत किया जा सके।

कुल मिलाकर, कूनो नेशनल पार्क में चीतों की बढ़ती संख्या वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह परियोजना न केवल भारत के पारिस्थितिक संतुलन को पुनर्स्थापित करने में मदद कर रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक मिसाल कायम कर रही है।

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