Maharashtra GBS cases rise: महाराष्ट्र में GBS वायरस ने तबाही मचा दिया है। राज्य के सोलापुर जिले में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से एक व्यक्ति की मौत हो गई है जिससे लोगों के मन में खौफ फ़ैल गया है वहीं देखा जाए तो इस बीच पुणे में जीबीएस मरीजों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है। इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
आप सभी को बता दें कि, केंद्र ने महाराष्ट्र में विशेषज्ञों की सात सदस्यीय टीम को भी तैनात कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने बताया कि 101 संदिग्ध मरीजों में से 73 में जीबीएस का पता चला है। एक मौत हुई है।इस मामले को लेकर अधिकारियों ने यह बताया कि सोलापुर निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति पुणे आया था। संदेह है कि वह पुणे में ही जीबीएस से संक्रमित हुआ।
Maharashtra GBS cases rise: वायरस को लेकर क्या कहना है डॉक्टरों का ?
सोलापुर मेडिकल कालेज के डीन डॉ. संजीव ठाकुर ने कहा कि इसके लक्षण सांस फूलना, कमजोरी जैसी समस्या दिख सकती है। इस लक्षण से पीड़ित मरीज को सोलापुर में 18 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जोकि वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था।
इस वायरस के चपेट में आने से रविवार को उसकी मृत्यु हो गई। जब रिपोर्ट आया तो यह पता चला कि, वह जीबीएस वायरस से संक्रमित था। रक्त के नमूने जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी भेजे गए हैं।
Maharashtra GBS cases rise: क्या है ये गुलियन-बैरे सिंड्रोम?
अगर आपको इस वायरस के बारें में ज्यादा नहीं पता है तो आपको बता दें कि, गुलियन-बैरे सिंड्रोम न्यूरोलाजिकल ऑटोइम्यून बीमारी है। जो भी व्यक्ति इस बीमारी के चपेट में आता है उसकी नसें और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। आमतौर पर जीबीएस बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से होता है क्योंकि रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।

इस वायरस को लेकर जानकार बताते हैं कि ये लाखों में किसी एक को होती है। हालांकि, लगातार इस बीमारी के मामले सामने आने से डॉक्टर भी काफी हैरान हो गए हैं।
Maharashtra GBS cases rise: जानें जीबीएस के लक्षण?
मामले को लेकर कुछ जानकारों का यह कहना है कि बीमारी की शुरुआत में अधिकांश मामलों में हाथ और पैर अचानक सुन्न हो सकते हैं। कई बार इस बीमारी से संक्रमित मरीज के हाथ और पैर में झुनझुनी भी हो सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में हार्ट बीट अचानक बढ़ जाती है और बुखार भी देखने को मिलता है। कुछ लोगों को सांस लेने में भी परेशानी आने लगती है।
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