Maharashtra News: महाराष्ट्र में लाडली बहिन योजना’ को लेकर प्रदेश की मंत्री और एनसीपी नेता अदिति एस तटकरे ने एक मुख्य जानकारी दी है। बता दें कि, उन्होंने इस योजना को लेकर उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि इस महीने के अंत तक इस योजना का लाभ सभी लाभार्थियों के अकाउंट में जरूर ट्रांसफर करा दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष की ओर से इस योजना को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर भी जमकर पलटवार किया है।
आप सभी को बता दें कि, मुंबई में मीडिया से बातचीत में एनसीपी नेता और महाराष्ट्र की मंत्री अदिति एस तटकरे ने कहा, ”हम 26 जनवरी से पहले जनवरी महीने के लिए डीबीटी प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। इस महीने के अंत तक लाडकी बहिन योजना का लाभ हमारे सभी लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।”
Maharashtra News: ‘लाभार्थियों को हर बार लाभ उसी महीने में देने का प्रयास’
उन्होंने आगे कहा, ”हम ज्यादा से ज्यादा यही प्रयास कर रहे हैं कि ‘लाडली बहिन योजना’ के लाभार्थियों को हर महीने का लाभ उसी माह में मिले। दिसंबर में लगभग 2 करोड़ 47 लाख महिलाओं को यह लाभ प्रदान किया गया था। इस महीने में भी ज्यादा नहीं, जिनके कुछ कंप्लेंट आए हैं, या डुप्लीकेशन हुआ या जिन्होंने दो योजनाओं का लाभ लिया है, ऐसी उतनी लाभार्थियों की संख्या कम हो सकती है, बाकी जो रेगुलर डीबीटी प्रक्रिया जारी रहेगी।”
‘Maharashtra News: लाडली बहिन योजना’ पर विपक्ष काफी कन्फ्यूज
महाराष्ट्र की मंत्री अदिति एस तटकरे ने विपक्ष पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, ”विपक्ष को तो पहले से ही इस योजना पर दिक्कत रह चुकी है। वो खुद इस योजना के बारे में काफी बार कन्फ्यूज रहे हैं। एक बार वो बोलते हैं कि फाइनेंशियल स्तर पर सरकार को बहुत नुकसान हो रहा है। दूसरी तरफ उनके ही मैनिफेस्टो में तीन हजार रुपये महिलाओं को लाभ देने की बात कही गई थी तो वो पहले से ही भ्रमित रहे हैं।”
Maharashtra News: विपक्ष के फेक नैरेटिव पर ध्यान नहीं देते
उन्होंने आगे कहा, ”हमारा प्रयास यही है कि हमारे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व में ये योजना चालू रहेगी। ये महिलाओं के तीन भाई हैं, उन्होंने हमें सूचना दी है कि ये योजना हमें चालू ही रखनी है। हमें आगे भी ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक लाभ पहुंचाना है और वही काम हम करके आए हैं। इस योजना को लेकर विपक्ष का जो फेक नैरेटिव है, उस पर हम ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं।”
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