Bihar: बिहार विधानसभा से पहले राज्य का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है बता दें कि, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर जानकर निशाना साधा है। तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मोहन भागवत के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि भागवत, स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रहे हैं साथ ही तेजस्वी ने आरएसएस पर स्वतंत्रता संग्राम में योगदान न देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरएसएस अंग्रेजों का दलाल था। तेजस्वी ने देश की आर्थिक स्थिति पर भी चिंता जताई।
आप सभी को बता दें कि, राजद नेता तेजस्वी यादव ने मोहन भागवत के कथित बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी ने कहा कि भागवत के अनुसार देश को असली आज़ादी 2024 में मिली है। यह बयान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।
Bihar: असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान
तेजस्वी ने एक्स पर लिखा, ‘आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी का अब बस यही कहना कि दलितों-पिछड़ों का आरक्षण खत्म होगा तभी देश को असल मायनों में आजादी मिलेगी, बाक़ी रह गया है। उनके इस कथन से कि देश को असल स्वतंत्रता 2024 में ही मिली है। संघ प्रमुख ने आज़ादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है।’
तेजस्वी यादव ने आरएसएस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि, संघ का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस अंग्रेजों का मुखबिर था। तेजस्वी के मुताबिक, आरएसएस हमेशा से दलितों, पिछड़ों और किसानों के योगदान को कमतर आंकता रहा है।
Bihar: संघ के लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं
उन्होंने लिखा, ‘संघ के लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में अपना कोई योगदान नहीं था, इसलिए ये अब बाकियों के योगदान को खत्म करने के नए प्रपंच रच रहे हैं। इनका संगठन तो स्वयं अंग्रेजों का दलाल और मुख़बिर रहा है। दलितों-पिछड़ों, मेहनतकश एवं कृषक वर्गों के ऐतिहासिक योगदान को कमतर करना ही आरएसएस का हमेशा से उद्देश्य रहा है।’
इस दौरान तेजस्वी यादव ने मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे। उन्होंने आगे लिखा कि मोहन भागवत जी बताएं- देश के बहुसंख्यक दलितों-पिछड़ों को असल आजादी कब मिलेगी? 2। दलित-पिछड़ा से घृणा करने वाले 100 वर्ष पुराने संगठन आरएसएस के कर्ता-धर्ता बताए कि आज तक कोई दलित पिछड़ा RSS का प्रमुख क्यों नहीं बना? 3। महिला आरएसएल प्रमुख क्यों नहीं बनी? 4। जातिगत जनगणना कब होगी? 5। दलितों-पिछड़ों का आरक्षण उनकी आबादी के अनुपात में कब बढ़ेगा?
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