CM Rekha Gupta: दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तेजी से एक्शन में आ गई हैं। उन्होंने सबसे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दौरान नियुक्त किए गए सभी निजी स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के व्यक्तिगत स्टाफ भी शामिल हैं।
इसके अलावा, AAP सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में वापस भेजने का आदेश दिया गया है।
CM Rekha Gupta: पूर्व सरकार के सभी स्टाफ की नियुक्ति रद्द
रेखा गुप्ता के इस फैसले के तहत केजरीवाल सरकार में नियुक्त किए गए उन कर्मचारियों को हटाया गया है, जिन्हें अस्थायी रूप से अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश के अनुसार, अब सभी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को तुरंत अपने मूल विभागों में रिपोर्ट करने को कहा गया है।
AAP सरकार के दौरान कई कर्मचारियों को विभिन्न बोर्ड और निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। अब उन्हें वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे साफ संकेत मिलता है कि नई सरकार दिल्ली प्रशासन में व्यापक बदलाव कर रही है।
CM Rekha Gupta: मुख्य सचिव ने जारी किया नोटिस
इस मामले में दिल्ली के मुख्य सचिव की ओर से भी हाल ही में एक नोटिस जारी किया गया था। इसमें सभी विभागों से उन नॉन-ऑफिशियल स्टाफ की सूची मांगी गई थी, जो AAP सरकार के कार्यकाल में विभिन्न पदों पर नियुक्त किए गए थे। इस नोटिस के आधार पर अब कार्रवाई की जा रही है और गैर-आधिकारिक नियुक्तियों को खत्म करने का काम शुरू हो गया है।
मुख्य सचिव की इस कार्रवाई को प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह आदेश न केवल अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता भी लाएगा।
CM Rekha Gupta: दिल्ली प्रशासन में बड़े बदलाव के संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की यह कार्रवाई दिल्ली प्रशासन में बड़े बदलाव का संकेत है। नई सरकार पुरानी नीतियों की समीक्षा कर रही है और ऐसे फैसले ले रही है, जिनसे सरकारी संसाधनों का सही तरीके से उपयोग हो सके।
इस फैसले को लेकर विपक्ष ने भी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। AAP नेताओं का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया निर्णय है, जबकि बीजेपी समर्थकों का मानना है कि सरकार का यह कदम प्रशासनिक सुधार की दिशा में उठाया गया एक जरूरी कदम है।
आने वाले दिनों में दिल्ली प्रशासन में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की नई नीतियां दिल्ली की जनता और सरकारी ढांचे पर किस तरह का प्रभाव डालती हैं।