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11 Jan 2025, Sat

Varanasi News Today: ज्ञानवापी मामले की सुनवाई में कोर्ट में आया बंदर, हिंदू पक्ष ने कहा- ‘ बजरंगबली जी भेजे हैं ‘

Varanasi News Today

Varanasi News Today: वाराणसी के जिला अदालत में एक ऐसा वाख्या सामने आया है जहां एक तरफ 4 जनवरी के दिन काशी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हुई। वहीं इसी दिन वाराणसी जिला अदालत के कोर्ट रूम से लेकर अधिवक्ताओं की चौकी तक एक बंदर के उछल कूद मचाने की खबर भी खूब चर्चा में है।

वहीं इसी मामले को लेकर इसी बीच हिंदू पक्ष की तरफ से यह बड़ा दावा किया गया है।घटना को लेकर वादी अधिवक्ता का कहना है कि लंबे समय से ज्ञानवापी मामले की सुनवाई काफी धीरे हो रही थी। इसलिए यह भी संभावना जताई जा सकती है कि खुद महादेव ने हनुमान जी को यह संदेश देने के लिए भेजा हो कि ज्ञानवापी मामले की जल्दी सुनवाई हो।

Varanasi News Today: ‘महादेव ने बजरंगबली को भेजा’

4 जनवरी के दिन ज्ञानवापी मामले की सुनवाई और कोर्ट रूम में बंदर के पहुंचने की बात को लेकर एबीपी न्यूज ने ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी से बातचीत की। इस पर अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने का कहना है कि इसको आप संयोग नहीं कह सकते हैं। जिस गति से ज्ञानवापी का मुकदमा चलना चाहिए था उस गति से नहीं चली बल्कि काफी सुस्त हो रही है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के दिन ही एक बंदर कोर्ट रूम में आता है, निश्चित ही इसके पीछे कोई ना कोई  संदेश छुपा होगा। राम मंदिर मामले से जुड़े विषय में बंदर की एंट्री चर्चा के केंद्र में रही है। इसलिए इसे ऐसे समझा जा सकता है कि यह एक संकेत हो, जिसमें ज्ञानवापी मामले की जल्दी से जल्दी सुनवाई करने का संदेश छुपा हो। ज्ञानवापी से जुड़े कई मामलों की सुनवाई अच्छी गति से नहीं हुई। इसलिए हो सकता है कि बजरंगबली संदेश देने के लिए कोर्ट रूम में पहुंचे होंगे।

Varanasi News Today: ’18 जनवरी को होगी सुनवाई’

वादी अधिवक्ता इस बात पर जोर दे रहे थे कि आखिर में बंदर ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के दिन ही वाराणसी के जिला कोर्ट परिसर में क्यों पहुंचा? कुछ तो संदेश छुपा होगा। दूसरी तरफ ज्ञानवापी से जुड़े अलग- अलग मामलों को लेकर अब 18 जनवरी को अगली सुनवाई होगी। इससे पहले 4 जनवरी के दिन वाराणसी के कोर्ट परिसर में बंदर के पहुंचने के बाद हिंदू पक्ष इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जोड़कर देख रहा है। 

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