पालघर | 19 अगस्त 2025 – अपराधों की जाँच को अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर में कुल 259 मोबाइल फोरेंसिक वैन को मंज़ूरी दी है। इसी पहल के तहत, पालघर जिले को भी फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) कलिना, मुंबई द्वारा एक अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन प्रदान की गई है।
इस वैन का उद्घाटन पालघर पुलिस अधीक्षक श्री यतीश देशमुख ने किया। मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विनायक नरले सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस कर्मचारी उपस्थित रहे।
वैन की विशेषताएँ
यह मोबाइल फोरेंसिक वैन अत्याधुनिक उपकरणों और सामग्रियों से लैस है, जिनकी मदद से अपराध स्थल पर ही प्राथमिक वैज्ञानिक जाँच संभव हो सकेगी।
भौतिक साक्ष्य: फिंगरप्रिंट, फाइबर, दस्तावेज़
रासायनिक/जैविक साक्ष्य: खून, डीएनए, अन्य नमूने
डिजिटल साक्ष्य: मोबाइल, लैपटॉप, स्टोरेज डिवाइस की फोरेंसिक जाँच
सुरक्षित साक्ष्य संरक्षण: टैंपर-प्रूफ पैकेजिंग और चेन-ऑफ़-कस्टडी
विशेषज्ञ टीम
पालघर जिले की इस वैन में एक विशेष टीम नियुक्त की गई है:
4 फोरेंसिक विशेषज्ञ
2 वैज्ञानिक विशेषज्ञ
2 फोरेंसिक सहायक
2 प्रशिक्षित ड्राइवर
यह टीम घटनास्थल पर पहुँचकर साक्ष्य संग्रह, प्राथमिक जाँच और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करेगी।
अपराध जाँच में लाभ
घटनास्थल पर तत्काल वैज्ञानिक जाँच
साक्ष्यों का संरक्षण और विश्वसनीयता
अदालत में मज़बूत अभियोजन
समय की बचत और त्वरित जाँच प्रक्रिया
इससे न केवल अपराधियों तक पहुँच आसान होगी, बल्कि पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने में भी मदद मिलेगी।
व्यापक परिप्रेक्ष्य
यह कदम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के क्रियान्वयन का हिस्सा है। इसका उद्देश्य है कि अपराध जाँच पूरी तरह साक्ष्य-आधारित, आधुनिक और तेज़ हो। महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में मोबाइल फोरेंसिक वैन की तैनाती से पुलिस बल की क्षमता और दक्षता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
त्वरित तथ्य (Quick Facts)
घटना: पालघर पुलिस को मोबाइल फोरेंसिक वैन प्रदान
तिथि: 19 अगस्त 2025
प्रदानकर्ता: FSL कलिना, मुंबई
मंज़ूरी: महाराष्ट्र में 259 वैन
उद्घाटनकर्ता: पुलिस अधीक्षक श्री यतीश देशमुख