Kotputli Borewell Accident: राजस्थान के कोटपूतली में तीन साल की मासूम चेतना आखिरकार अपनी जिंदगी से जंग हार गई। वह 150 फीट गहरे बोरवेल में 10 दिन से फंसी हुई थी। 10 दिन के लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे गड्ढे से बाहर तो निकाला गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने बच्ची को बाहर निकालते ही उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर्स ने पहले ही उसे मृत घोषित कर दिया।
एनडीआरएफ टीम के चीफ योगेश मीणा ने मामले को लेकर यह जानकारी दी कि बच्ची को जब गड्ढे से बाहर निकाला गया था, तब उसकी बॉडी में कोई मूवमेंट नहीं दिख रहा था। उसे तुरंत एंबुलेंस के जरिए कोटपूतली के बीडीएम अस्पताल में भेजा गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत बताया।
Kotputli Borewell Accident: बच्ची की क्यों नही बच पाई जान ?
मालमू हो, 23 दिसंबर को तीन साल की मासूम चेतना बोरवेल में गिर गई थी। आपको बता दें कि यह बोरवेल बदियाली धानी में स्थित उसके पिता के खेत में ही पहले से बना हुआ था, जहां चेतना खेल रही थी। शुरुआत में तो रिंग के जरिए बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम हुईं। इसके बाद पाइलिंग मशीन बुलाई गई, जिसकी मदद से बोरवेल के बराबर में एक बड़ा गड्ढा खोदा गया।
बीते सोमवार (30 दिसंबर) तक एनडीआरफ और एसडीआरएफ टीम को यह उम्मीद थी कि बच्ची तक जल्द पहुंचा जा सकेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। क्योंकि तलछटी चट्टान की परतों ने ड्रिलिंग के काम को और कठिन बना दिया गया था।
Kotputli Borewell Accident: बेटी को बचाने के लिए मां लगाती रही गुहार
रेस्क्यू टीम के एक मेंबर ने इस बात की जानकारी दी कि 8 फीट तक गड्ढा खोदने में ज्यादा परेशानी नहीं आई, लेकिन बीच में बड़े पत्थर आने से काम मुश्किल हो गया। वहां ब्लास्ट नहीं किया जा सकता था, क्योंकि बच्ची को खतरा हो सकता था।
मंगलवाल (31 दिसंबर) को कलेक्टर कल्पना अग्रवाल मासूम चेतना के परिवार से मिलीं और उन्हें समझाया कि बच्ची को बचाने में किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। परिवार वाले पहले से ही प्रशासन पर लापरवाही और देरी करने का आरोप लगा रहे थे। बीते 28 दिसंबर को बच्ची की मां का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह रोते-बिलखते और हाथ जोड़ते अपनी बच्ची को बचाने की गुहार लगा रही थी।
महिला का कहना था, “उसकी बच्ची को भूखे-प्यासे ठंड में फंसे इतने दिन हो गए हैं। अगर वह कलेक्टर मैडम की बेटी होती, तब भी ऐसी ही लापरवाही दिखाई जाती? क्या कलेक्टर मैडम अपनी बच्ची को इतने दिन तक गड्ढे में रहने देतीं? मेरी बेटी को बचा लो।”
Kotputli Borewell Accident: पहले भी जा चुकी है बच्चों की जान
इससे करीब दो हफ्ते पहले राजस्थान के दौसा में ही बोरवेल हादसा का एक और मामला सामने आया था, जिसमें पांच साल का बच्चा गड्ढे में फंस गया था। 55 घंटे के बचाव कार्य के बाद उसे बाहर निकाला जा सका था, लेकिन उस मासूम ने भी दम तोड़ दिया था।