नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025
पालघर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. हेमंत विष्णु सवरा ने तारापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना (TAPS – NPCIL) से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर केंद्रीय परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने परियोजना से प्रभावित गांवों के समग्र विकास और वहां कार्यरत कर्मचारियों के पेंशन अधिकारों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और कई ठोस मांगें सरकार के समक्ष रखीं।
📌 DCPS पेंशन योजना में विसंगति दूर करने की मांग
डॉ. सवरा ने बताया कि NPCIL में कार्यरत प्रकल्पग्रस्त (परियोजना प्रभावित) परिवारों के कई सदस्य आज भी पेंशन योजना से वंचित हैं। वर्तमान में केवल 1 सितंबर 1987 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को ही DCPS (Defined Contributory Pension Scheme) का लाभ मिलता है, जबकि 18 सितंबर 1987 से 31 दिसंबर 2006 के बीच नियुक्त कर्मचारियों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
उन्होंने इस व्यवस्था को अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण करार देते हुए कहा कि नियुक्ति तिथि के आधार पर पेंशन में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी परियोजना प्रभावित कर्मचारियों को DCPS योजना में शामिल करने की मांग करते हुए कहा, “जिन लोगों ने वर्षों तक देश की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए सेवा दी है, उन्हें सम्मानपूर्वक और समान रूप से पेंशन का अधिकार मिलना चाहिए।”
📌 CSR फंड का उपयोग केवल प्रकल्पग्रस्त गांवों के लिए हो
NPCIL द्वारा CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के अंतर्गत दी जाने वाली निधि के उपयोग को लेकर भी डॉ. सवरा ने अहम सवाल उठाए। उन्होंने मांग की कि तारापुर परियोजना से सटे अकारपट्टी, पोफरण, उंभट जैसे प्रकल्पग्रस्त गांवों के बुनियादी विकास के लिए ही CSR निधि का संपूर्ण उपयोग किया जाए।
डॉ. सवरा ने कहा कि, “इन गांवों ने दशकों पहले देशहित में अपनी पैतृक भूमि अत्यंत न्यून मुआवज़े पर सरकार को दी थी। लेकिन आज भी यह गांव सड़क, स्वच्छ जल, नाले, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं। NPCIL की सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह इन गांवों के विकास में प्राथमिकता दे।”
📌 मंत्री का सकारात्मक आश्वासन
इस मुलाकात के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सांसद की मांगों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सरकार इस विषय में पुनर्विचार करेगी और उचित निर्णय लेगी। डॉ. सवरा ने भी उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार जल्द ही NPCIL से जुड़े इन दोनों महत्वपूर्ण विषयों पर जनहित में निर्णय लेगी।