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Makar Sankranti 2025 Date: कब है मकर संक्रांति ? जानें दान और स्नान का शुभ मुहूर्त…

On: Monday, January 13, 2025 5:58 PM
Makar Sankranti 2025 Date
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Makar Sankranti 2025 Date: मकर संक्रांति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे हर साल पूरे देश में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है। इस दिन को शुभ कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं 2025 में मकर संक्रांति कब है, दान-पुण्य और स्नान का शुभ मुहूर्त, और इस पर्व का महत्व।

Makar Sankranti 2025 Date: मकर संक्रांति 2025 की तिथि और समय

2025 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को सुबह 8:05 बजे होगा। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद पुण्यकाल और स्नान-दान का महत्व होता है।

Makar Sankranti 2025 Date: दान और स्नान का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति पर दान और स्नान का विशेष महत्व है। यह दिन विशेष रूप से पुण्य अर्जित करने के लिए जाना जाता है। शुभ मुहूर्त के अनुसार:

  • पुण्यकाल: 15 जनवरी सुबह 8:05 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक रहेगा।
  • महापुण्यकाल: सुबह 8:30 बजे से 10:30 बजे तक रहेगा। यह समय दान, स्नान और पूजा-अर्चना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

Makar Sankranti 2025 Date: मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व

मकर संक्रांति हिंदू धर्म में एक पवित्र त्योहार है। इस दिन सूर्य देवता उत्तरायण होते हैं, जिसका अर्थ है कि अब दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी। उत्तरायण को शुभ कार्यों के लिए आदर्श समय माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने इस दिन असुरों का नाश कर धर्म की स्थापना की थी। इसलिए इसे धर्म और पुण्य का पर्व माना जाता है।

Makar Sankranti 2025 Date: दान का महत्व

मकर संक्रांति पर दान का विशेष महत्व है। इस दिन तिल, गुड़, चावल, और कपड़े दान करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। गरीबों को अन्न, वस्त्र और कंबल दान करना पुण्यकारी माना जाता है। खासकर गंगा, यमुना, और अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर दान करना अत्यधिक शुभ होता है।

Makar Sankranti 2025 Date: स्नान और पूजा का महत्व

पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देना इस दिन की मुख्य परंपरा है। गंगा, यमुना, और नर्मदा जैसी पवित्र नदियों के घाटों पर लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं। स्नान के बाद भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती है। तिल और गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाने की परंपरा है।

Makar Sankranti 2025 Date: विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति का उत्सव

  • उत्तर भारत: इस दिन को ‘खिचड़ी’ के रूप में मनाया जाता है। तिल और गुड़ का सेवन किया जाता है।
  • पश्चिम बंगाल: यहां इसे ‘पौष संक्रांति’ कहते हैं और तिल-गुड़ से बने पकवान बनते हैं।
  • पंजाब और हरियाणा: इसे ‘लोहड़ी’ के रूप में मनाया जाता है। रात में अग्नि जलाकर उत्सव होता है।
  • गुजरात और महाराष्ट्र: पतंगबाजी और तिल-गुड़ की मिठाईयों से त्योहार मनाया जाता है।
  • तमिलनाडु: यहां इसे ‘पोंगल’ के रूप में चार दिन तक मनाया जाता है।

मकर संक्रांति 2025 का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। यह दिन सूर्य देव की आराधना, दान, स्नान और पूजा के लिए बेहद शुभ है। पूरे देश में इस पर्व को अलग-अलग नाम और परंपराओं के साथ मनाया जाता है, लेकिन इसकी मूल भावना धर्म और पुण्य अर्जित करने की है। इस पवित्र दिन पर आप भी स्नान, दान और पूजा करके भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करें।

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