Indian Deportation Row: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के समाप्त होने के साथ ही ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासी भारतीयों की दूसरी खेप को डिपोर्ट करने की तैयारी पूरी कर ली है। यह विमान आज रात भारत पहुंचेगा, जिसमें 119 लोगों को वापस भेजा जा रहा है। इनमें से अधिकांश पंजाब के हैं।
Indian Deportation Row: कहां-कहां के लोग लौट रहे हैं भारत?
अमृतसर एयरपोर्ट पर यह विमान रात 10 से 11 बजे के बीच लैंड करेगा। सूत्रों के अनुसार, इस फ्लाइट में शामिल लोगों की सूची इस प्रकार है:
- पंजाब – 67
- हरियाणा – 33
- गुजरात – 8
- उत्तर प्रदेश – 3
- गोवा और महाराष्ट्र – 2-2
- राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश – 1-1
Indian Deportation Row: पहले भी हो चुका है डिपोर्टेशन
10 दिन पहले, 5 फरवरी को अमेरिका ने 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया था। उन्हें अमेरिकी सैन्य विमान में हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर भारत भेजा गया था। इस अमानवीय व्यवहार पर भारत में जमकर हंगामा हुआ। सड़कों से लेकर संसद तक सरकार की आलोचना की गई। विपक्षी दलों ने इसे भारतीयों के साथ अपमानजनक बर्ताव बताते हुए सरकार की कूटनीति पर सवाल उठाए।
Indian Deportation Row: क्या मोदी की यात्रा का पड़ेगा असर?
इस मुद्दे पर संसद में बहस के बाद भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत की। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में भी इस विषय पर चर्चा हुई। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ट्रंप प्रशासन इस डिपोर्टेशन में कुछ बदलाव करता है या नहीं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार अवैध प्रवासी भारतीयों के साथ पिछली बार जैसा व्यवहार नहीं किया जाएगा। यानी, उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में नहीं लाया जाएगा। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि इस बार उन्हें रेगुलर फ्लाइट से लाया जा रहा है या फिर सैन्य विमान से भेजा जा रहा है।
Indian Deportation Row: अवैध प्रवासियों पर ट्रंप की सख्ती
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू होते ही अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। उनके चुनावी अभियान में यह प्रमुख मुद्दा था। ट्रंप प्रशासन अब तक हजारों अवैध प्रवासियों को सैन्य विमानों से उनके मूल देशों में वापस भेज चुका है। भारत भी इस कार्रवाई से अछूता नहीं है, और आने वाले समय में भी ऐसे और डिपोर्टेशन हो सकते हैं।
Indian Deportation Row: भारत की अगली रणनीति क्या होगी?
मोदी सरकार को अब यह तय करना होगा कि भारतीय प्रवासियों के हितों की रक्षा के लिए वह अमेरिकी प्रशासन से किस तरह की नीति अपनाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस मुद्दे पर कड़े कदम उठाने चाहिए और अमेरिका से स्पष्ट बातचीत करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।