Death from GBS: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी देखी जा रही है। पुणे के बाद अब मुंबई में इस बीमारी से पहली मौत दर्ज की गई है। मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती 53 वर्षीय मरीज, जो बीएमसी अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में कार्यरत थे, की वेंटिलेटर पर इलाज के दौरान मौत हो गई।
Death from GBS: मुंबई में 16 वर्षीय लड़की भर्ती
मुंबई के नायर अस्पताल में ही पालघर की रहने वाली 16 वर्षीय लड़की को भी भर्ती किया गया है, जो 10वीं कक्षा की छात्रा है और GBS से ग्रसित है।
Death from GBS: पुणे में सातवीं मौत दर्ज
रविवार (9 फरवरी) को पुणे में 37 वर्षीय व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, जिससे शहर में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 7 हो गई। पुणे में संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर 192 हो गई है, जिनमें से 21 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। मृतक वाहन चालक था और उसे पैरों में कमजोरी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था।
Death from GBS: GBS के लक्षण और कारण
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका तंत्र पर हमला करने लगती है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नपन और यहां तक कि लकवे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस बीमारी का मुख्य कारण ‘कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ बैक्टीरिया को माना जाता है, जो दूषित भोजन या पानी से फैलता है।
Death from GBS: बचाव के उपाय
- साफ और स्वच्छ भोजन व पानी का सेवन करें।
- शरीर में किसी भी असामान्य कमजोरी या सुन्नपन को नज़रअंदाज़ न करें।
- तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और आवश्यक जांच करवाएं।
GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है और मरीजों की पहचान व उपचार के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।