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22 Dec 2024, Sun

माइक्रोप्लास्टिक: एक छुपा हुआ खतरा जो आपके भोजन में होसकता है!

माइक्रोप्लास्टिक: एक छुपा हुआ खतरा जो आपके भोजन में होसकता है!

हाल ही में एक एनजीओ, टॉक्सिक लिंक द्वारा किए गए शोध में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि भारत में बिक रहे नमक और चीनी ब्रांड्स में माइक्रोप्लास्टिक मिले हुए हैं। यह शोध अलग-अलग नमक और चीनी पर किया गया, जिसमें रॉक, टेबल, समुद्री और स्थानीय कच्चा नमक और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और लोकल मार्केट से खरीदी गई अलग-अलग प्रकार की चीनी शामिल हैं।

माइक्रोप्लास्टिक क्या हैं?

माइक्रोप्लास्टिक छोटे प्लास्टिक कण होते हैं जो 5 मिलीमीटर से कम आकार के होते हैं। ये प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं जो जल और हवा के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।

माइक्रोप्लास्टिक के नुकसान

माइक्रोप्लास्टिक सेहत के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। ये भोजन, जल और हवा के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं। माइक्रोप्लास्टिक मानव अंगों जैसे फेफड़े, हृदय, लेक्टेटिंग मदर्स के दूध और भ्रूण के प्लेसेंटल टिशूज में भी पाए जाने के सबूत प्राप्त हुए हैं।

माइक्रोप्लास्टिक के खतरे

जर्नल ऑफ हजार्डस मटेरियल्स की एक रिसर्च के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक इंसानी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा रहा है। साइंटिस्ट्स का कहना है कि ज्यादा मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक के शरीर में जाने से एलर्जी, थाइराॅयड, कैंसर से लेकर मृत्यु तक होने का खतरा होता है।

क्या करें?

इस समस्या से निपटने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव लाने होंगे। हमें प्लास्टिक के उपयोग को कम करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि हमारे भोजन में माइक्रोप्लास्टिक न हो। हमें अपने सरकार और नीति निर्माताओं से मांग करनी होगी कि वे इस समस्या का समाधान निकालें।

हमारा राय/ सुझाव

मेरा यह मानना है कि लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है कि हम जो भी खाते पीते हैं फल सब्जी, अनाज, डेरी प्रोडक्ट दवा एवं स्वास्थ्य से जुड़ी इस्तेमाल करने वाली कोई भी वस्तु वह शुद्ध और असली बाजार में मिले तो हमें एक मुहिम चलाना चाहिए (शुद्ध के लिए युद्ध)
इस मुहिम में हम आप अपने और अपनों का अपने गांव शहर राज्य एवं संपूर्ण देश में इस विषय में जन जागृति होगी तभी हम बाजार में शुद्ध और असली सामग्री मिलेगा नहीं तो चंद्र रूपयो के लिए यह मिलावट खोर ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसे काम करते हैं जिससे हम आप अपने देश के मासूम बच्चे युवा बुजुर्ग कोई भी बीमारी का शिकार हो सकते हैं इसलिए हमेशा सावधान रहे सतर्क रहे और अपना,अपनों का ख्याल रखें
नकली सामग्री एवं मिलावट खोरी उत्पादन पर नकेल कसने के लिए यह अभियान कारगर सिद्ध हो सकता है

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